Saturday 2 March 2013

बच्चों का मोबाइल माँ बाप का सर दर्द


जहाँ आज एक तरफ मोबाइल क्रांति ने हमें सारी  सुबिधाओं से लैस  कर दिया है वहीं दूसरी तरफ हमारी परेशानी का एक बहुत बड़ा कारण भी बन चुका  है मोबाइल फोन ,
आज बड़े तो बड़े बच्चे भी मोबाइल के बिना खुद को अधूरा समझते है बड़ों से ज्यादा बच्चों में मोबाइल रखने का क्रेज कुछ ज्यादा ही दिखता है हमारे समाज में दस-बारह साल की उम्र हुई नही कि माँ-बाप से मोबाइल की डिमांड करना शुरू ,माँ-बाप है कि बच्चे कि ख़ुशी को पूरी करने में जरा भी देर नही करते तुरंत उनके हाँथ में थमा देते है मोबाइल फोन अब चाहे वो उसका उपयोग करें या दुरूपयोग,
माँ-बाप का मानना है की आज की इस भीड़ भाड़ की जिन्दगी में आपसी सम्पर्क बनाये रखने के लिए मोबाइल फोन बच्चों के लिए एक जरूरी और उपयोगी सामान है परन्तु उनके वही बच्चे उसका दुरूपयोग करने में तनिक भी पीछे नही हटते चाहे वे लड़के हो या लड़कियां दोनों के ही बुरे हाल  है
आज छोटे-छोटे बच्चे मोबाइल पर दिन भर गेम व चैटिंग करते नजर आते है मोबाइल फोन उनकी पढाई में सबसे बड़ा बाधक है तमाम लड़के लड़कियां तो दिन भर मोबाइल पर बात करते ही नही थकते है जिनके गलत  परिणाम आगे चलकर उनके माँ - बाप को भुगतने पड़ते है मोबाइल फोन पर लड़के-लड़कियों की दोस्ती का चलन हमारे यहाँ तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है  जिसे रोकने में न तो हमारी सरकारे कोई कदम उठा रही है न ही बच्चों के माँ-बाप, अच्छाई के लिए बनी चीज का आज गलत कामो में ज्यादा इस्तेमाल होता नजर आ रहा है ,
मोबाइल फोन आज उन माँ- बाप के लिए एक ऐसा  सिर दर्द बनता जा रहा है जिनके लड़के-लड़कियां अभी-अभी बालिग हुए है, 
इन माँ-बाप का हाल तो सांप-छछूंदर वाला है न ही निगल सकते है न ही उगल सकते है यानि की अगर बच्चों को मोबाइल नहीं देते है तो उनके बारे में जानकारी पाना मुश्किल और अगर देते है तो वे किससे बात करते है किसको SMS भेजते है आदि जानकारी रख पाना मुश्किल ,
आज जहाँ एक तरफ मोबाइल फोन अपराध को बढ़ावा देता नजर आ रहा है वही दूसरी तरफ हमारी पुलिस को मोबाइल फोन की मदत से ही आपराधियों को पकड़ने में भी सफलता हांसिल हो रही है आज-कल के बच्चे फिल्म और टी वी सीरियल देख-देखकर नये-नये कारनामे भी  करने लगे है जो की कही-कही काफी खतरनाक साबित होता है और इसका खामियाजा वो चाहे जिस भी रूप में हो माँ-बाप को ही भुगतना पड़ता है, 
हमें चाहिए की हम अपने बच्चों को मोबाइल तभी दे जब वे उसे ठीक से समझने लायक हो सकें जिससे मोबाइल का दुरूपयोग ने हो अगर बच्चों द्वारा मोबाइल का दुरूपयोग किया जाता है तो वह भी माँ-बाप का सिर दर्द होगा जिसे भुगतना उनकी विवशता व मजबूरी दोनों होगी.

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